जब से आप वादों को पूरा करने का इशारा किए हैं मुझे अच्छे-अच्छे ख्वाब आने लगे हैं हम आजकल खुद अपने आप को आजमाने लगे हैं आप से मिलने का बहाना ढूंढने लगे हैं
तुम्हें समझने में और तुम्हें समझाने में पूरी उम्र निकलने को है ना जाने तुम्हारे दिमाग का स्वभाव कैसा है बस अपनी वाली किए जा रही हो आजकल लाचार हूं ना दवा काम आई ना दुआ काम आई