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मार्च, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जो कहती थी

जो कहती थी पहले तुम्हें हद से ज्यादा प्यार करती हूं वह आजकल सताने लगी है दिल पर दर्द सहकर मुस्कुराने की कोशिश करता हूं

तुम पहले से ज्यादा निखरने लगी हो

तुम पहले से ज्यादा निखरने लगी हो इस राज की बात को और ज्यादा गहराई में रखने लगी हो हकीकत क्या है मैं गोते लगाता रहा मौसम की तरह बदलने लगी हो

जब से आप वादों को पूरा करने का इशारा किए हैं

जब से आप वादों को पूरा करने का इशारा किए हैं मुझे अच्छे-अच्छे ख्वाब आने लगे हैं हम आजकल खुद अपने आप को आजमाने लगे हैं आप से मिलने का बहाना ढूंढने लगे हैं

तुम्हें समझने में और समझाने में

तुम्हें समझने में और तुम्हें समझाने में पूरी उम्र निकलने को है ना जाने तुम्हारे दिमाग का स्वभाव कैसा है बस अपनी वाली किए जा रही हो आजकल लाचार हूं ना दवा काम आई ना दुआ काम आई

जिंदगी की हकीकत से

जिंदगी की हकीकत से आज तक रूबरू हो नहीं पाया कभी तन्हा रहा कभी मुस्कुराया कुछ पैसा कमाने में गुजरती जिंदगी रही